EXAMINE THIS REPORT ON बॉलीवुड में करियर कैसे बनाएं

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अय्यर ने बचपन से ही वैज्ञानिक बनने का सपना देखा था और उन्होंने इस सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की।

महात्मा गाँधी का सम्पूर्ण जीवन एक ऐसी किताब की तरह है जो हमें हर पेज को पलटने पर एक नयी शिक्षा देता है.

I took a big leap and moved to NYC with two duffel luggage instead of only one Buddy or member of the family in sight. Because transferring into the states, I’ve worked in social media for large brand names like Yahoo!, Duane Reade and Moët. I’m also recently married to a tremendous gentleman! I took an enormous leap and it paid off! You're in command of your own personal fate!” Stick to the following tips to Stop your day task and begin your desire career.

एक बार एक बेटी ने अपने पिता से शिकायत की कि उसका जीवन दयनीय था और उसे नहीं पता की उसे आगे क्या करना है।

"लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरक प्रसंग"

फिर गधे ने हर दिन एक ही चाल चलना शुरू कर दिया। नमक बेचने वाले को चाल समझ में आई और उसने उसे सबक सिखाने का फैसला किया। अगले दिन उसने गधे पर एक कपास की थैली लाद दी।

तेनाली और सुलतान आदिलशाह – तेनालीराम की कहानी

व्यक्ति गुस्से से झल्लाया, बोला – दिखाई नहीं देता क्या, मेरे कपडे नए है। अब तुम्हारें चक्कर में इसे खीचड़ से ख़राब करूँ क्या। इतना बेवकूफ समझा है मुझे, मुझे बड़ा काम करना है, बड़ा आदमी बनना है, इतना कहते हुए व्यक्ति अपनी राह चला। 

यह महसूस करते हुए कि उसे बरगलाया गया है और उसने अपना सबक सिखाया है, आदमी ने माफी मांगी और चला गया।

shakuntala aur dushyant ki prem katha

गुरूजी ने जवाब दिया की दुःख तो मुझे भी बहुत हुआ है शिष्य तुम्हारे इस सवाल से काश इन सवालों के जगह पर तुम ये पूछते – गुरूजी, चाँद में इतनी चांदनी क्यों है ? और दीपक में इतनी रोशनी क्यों है ? 

अपने मन और आत्मा में प्रेरक ऊर्जा भरने तथा अपने जीवन को सहीं दिशा देने के लिए यह लेख पढ़ें –

उनके ऐसे ही न जाने कितने प्रेरक प्रसंग हैं, जो न केवल इन्सानियत और मानवता का पाठ पढ़ाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि जनता के एक प्रतिनिधि का स्वरूप कैसा होना चाहिए।विराट हृदय वाले शास्त्री जी अपने देश के लोगों के विकास और वतन की शांति की स्थापना के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उन्हें कभी भी किसी पद या सम्मान की लालसा नहीं रही। उनके राजनीतिक जीवन में अनेक ऐसे अवसर आए,जब शास्त्री जी ने click here इस बात का सबूत दिया कि देश और मानव सेवा ही उनका उद्देश्य है और इस तरह लोगों के समक्ष कई प्रेरणादायी उदाहरण रखे। उनके विषय में यह कहा जाता है कि वह अपना त्यागपत्र सदैव अपनी जेब में रखते थे। ऐसे निःस्पृह व्यक्तित्व के धनी,शास्त्री जी भारत माता के सच्चे सपूत थे।

पत्नी भी पति की इस बात को सुनकर खुशी से आनंदित हो उठी और बोली – यह तो बड़ी सौभाग्य की बात है, आप तुरंत जाइये और जितना अधिक हो वहां से धन लेकर आइये। 

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